इस कहानी की शुरुआत एयरपोर्ट के लाउन्ज में होती है
Chapter 1: Fake Marriage
रिया कपूर, भारत की सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस फैमिली की वारिस, एक कठिन निर्णय के द्वार पर खड़ी थी। उसके परिवार का बिजनेस, कपूर ग्रुप, सफलता के शिखर पर था, मगर राजनीति और कॉर्पोरेट गठजोड़ के जाल में फंसता जा रहा था। द सिल्वर कंपनी, दुनिया की सबसे प्रभावशाली फर्म, भारत में निवेश करने को तैयार थी, लेकिन रिया की स्थिति अस्थिर थी। उसे यह निवेश हर हाल में पक्का करना था—इसके लिए उसे एक कठोर निर्णय लेना था।
अपने विरोधियों को चौंकाने के लिए, रिया एक अनजान व्यक्ति रजत वर्मा से एक साल की नकली शादी करने का प्रस्ताव रखती है। रजत एक साधारण कॉर्पोरेट कर्मचारी था, जिसका सपना था कि वह अपने मेहनत के दम पर अपना भविष्य बनाए। वह उसकी पेशकश को ठुकरा देता है, मगर परिस्थितियाँ उसे अंततः इस शादी के लिए मजबूर कर देती हैं।

Chapter 2: Game of Conspiracies
रिया और रजत का विवाह पूरे बिजनेस जगत में हलचल मचा देता है। कपूर ग्रुप के अंदर ही कई लोग इस गठजोड़ को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं थे। नितिन खुराना, रिया के लिए पहले से तय किया गया विवाह का उम्मीदवार, इस शादी को तोड़ने के लिए हर संभव तरीका अपनाने लगा।
इसी बीच, रजत धीरे-धीरे कपूर ग्रुप के भीतर एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन जाता है। उसकी सहज बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता ने उसे कई समस्याओं को हल करने की शक्ति दी। उसे भी धीरे-धीरे एहसास हुआ कि यह सिर्फ एक नकली शादी नहीं थी—वह कपूर ग्रुप के सत्ता संघर्ष का केंद्र बन गया था।
Chapter 3: Unseen feeling of love
रिया के जीवन में हमेशा सिर्फ व्यापार और पैसे का ही महत्व था। उसने कभी यह सोचा ही नहीं था कि कोई उसकी भावनाओं को समझ सकता है। लेकिन रजत ने उसके जीवन में एक अलग ही रंग भर दिया। वह उसे सिर्फ एक बिजनेस डील के रूप में नहीं देखता था, बल्कि उसकी खुशी और डर को भी समझता था।
दूसरी ओर, सौम्या—रिया की महत्वाकांक्षी कर्मचारी, जिसका सपना था कि वह कपूर ग्रुप की सीईओ बने—अपनी निजी इच्छाओं और सत्ता की दौड़ में उलझी हुई थी। वह रजत के साथ एक पुराना संबंध रखती थी, मगर अब उसकी प्राथमिकता शक्ति थी, प्रेम नहीं।
Chapter 4: Turning Point
अचानक, द सिल्वर कंपनी भारत में 100 करोड़ का निवेश करने को तैयार हो जाती है, और कपूर ग्रुप के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। इस बड़ी उपलब्धि के पीछे रजत का ही हाथ था, जिसने बिजनेस की बारीकियों को समझकर कंपनी को यह निवेश दिलाने में मदद की।
रिया को अब एहसास हुआ कि वह उसे खोना नहीं चाहती। उसने अपने फैसले पर पुनर्विचार किया और घोषणा की—“मुझे उससे शादी करनी है!”
यह सुनकर पूरा बिजनेस जगत हिल गया। क्या यह एक रणनीतिक निर्णय था, या एक दिल से लिया गया फैसला?
Chapter 5: Power or love?
अब सवाल यह था कि क्या रजत इस शादी को स्वीकार करेगा? क्या रिया सच में उसे अपने दिल से चाहती थी, या यह सिर्फ एक और बिजनेस चाल थी?
उधर, सौम्या अपनी सत्ता की भूख में इतने आगे बढ़ गई थी कि उसने अपने पुराने संबंध को पूरी तरह नकार दिया था। उसकी प्राथमिकता सिर्फ CEO की कुर्सी थी। क्या उसकी लालसा उसे कपूर ग्रुप के शीर्ष तक पहुँचाएगी, या वह अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण रिश्ते को खो देगी?
यह कहानी सत्ता, राजनीति, महत्वाकांक्षा और प्रेम के बीच की जंग को दिखाती है। इसमें कई मोड़ हैं, जहां हर किरदार अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करता है। इसमें द सिल्वर कंपनी का बड़ा निवेश, कपूर ग्रुप की सत्ता की साजिशें और नकली शादी से शुरू होकर असली भावनाओं तक का सफर है।
क्या रिया और रजत की शादी एक व्यापारिक रणनीति थी, या एक सच्चे रिश्ते की शुरुआत?
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